दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Thursday, June 21, 2012


~ ~ अद्भुद सपना राधे रानी का ~ ~

 एक सुबह श्री राधे और कृष्ण जी निधुवन में सो रहे थे जो की चारो ओर से उनके सखियों द्वारा घिरा हुआ था , जब अचानक राधा रानी रोते हुए उठी , राधा रानी ने श्याम सुन्दर से कहा , ओ प्राणनाथ ! जागो ! मैंने सबसे अद्भुद सपना देखा है । मैंने देखा , की एक निष्पक्ष युवा जिसका शारीर एक उज्जवल सोने के तरह चमक रहा था । मैंने ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा । सुन्दरता के लड़ाई में , उसका भव्य आंकड़ा केमवेदा के विशाल संख्या को जीत जायेगा । वह एक मधुर ख़ुशी के जीत में एक राज कुमार के तरह आनंदित रहा ।

 उनका कोमल , सुनहरा शारीर अलंकृत था आनंद , जवाहरात से जैसे कांप रहे थे , उज्जवल पुलकित सन - सनाहट के साथ आंसुओं के रूप में बह रहा था । उनका ऐसा अनुपम रूप देख कर , सारे सुन्दरता और चमक से उनका घर उज्जवल हो गया , मेरे आँखें थिरक गए और दिल अपना सूद खो दिया और धड़कने लगा ।

 राधा रानी उद्वेग से रोई , ओ प्राण - नाथ ! अन्य पुरुष को देख कर मेरा मन क्यों थिरक रहा है ? जनम से लेकर आज तक मैंने चलते चलते ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा , सपने में या गहरे नींद में तुम्हारा सुन्दर शारीर को मैंने देखा , मानसून के काले बादलों में बारिश होने को तैयार , एक गहरा कुआँ रस से भरा है , अब क्यूँ ऐसा विचित्र उत्क्रमण घटित हो रहा है ? मैंने अपने जीवन काल में वृन्दावन में ऐसा सत पुरुष या देवता नहीं देखा , वृक्ष्य , आत्माएं और तथा नारायण खुद । मेरा मन उन्हें देख कर कभी संतुष्ट नहीं हुआ , मगर इस गौरंग ने मेरा दिल चुरा लिया है , वो हरी नाम जपते चला गया ।जैसे ही उसने बोला राधा रानी मुघ्ध हो गई , फिर रसिका नागर श्री कृष्ण राधा रानी को गले से लगाते हुए उन्हें बार बार मधुर चुम्बन देते रहे । हे प्राण नाथ उठिए ! और बताइये आखिर वो गौरंग है कौन ?

 ~ ~ Amazing Dream Of Radhe Rani ~ ~

 One morning Priyā-Priyatama were sleeping in Nidhuvan surrounded by their dear sakhīs, when suddenly Rādhārāṇī woke up crying. Rādhārāṇī said to Śyāmasundar, O Prāṇanāth! Wake up! I have had the most amazing dream.“I dreamt I saw a fair youth with a body bright as gold which was shining. I have never seen such sight like this. In a battle of beauty, his gorgeous figure would conquer a legion of kāmadevas. He was full of sweetest joy, the prince of bliss (rasarāja).

 “His tender golden body was ornamented with bliss-jewels like shivering, horripolation and tears as he sang and danced in madness. Seeing his incomparable form, his home of all loveliness and radiance has brightened , my eyes were soothed and my heart lost its interest and started beating.”

 Rādhārāṇī anxiously cried, “O Prāṇa - Naath! Why does my mind yearn so much for this other boy? From the day I was born until today I have known nothing in waking, dreams or deep sleep but your beautiful body, dark as a monsoon cloud ready to rain , a deep well brimming with rasa. Why now this strange reversal? In my life here in Vṛndāvan I have seen men and devatas, sylvan sprites and even Narāyaṇa himself. Seeing them never satisfied my mind, but this Gaurāṅga has stolen my heart!” He went on chanting hari naam , O pran nath wake up ! and tell me who is this gaurang ?
 As she spoke Rādhārāṇī fell into a deep swoon.Then rasika-nāgara Śrī Kṛṣṇa embraced Rādhārāṇī and kissed her again and again

 ~ ~ Jai Shri Radhe Krishna ~ ~

 ~ ~ ~ ~ ~ Sadah Bahar ~ ~ ~ ~ ~

Jagannath Rath Yatra in Puri.Rath Yatra on 21st June 2012

 jai Jagannath Jai Shri Krishna. ........
 Navratri Goddess worship are beginning tomorrow, June 20.
 Hare Krishna, Hare Krishna, Krishna Krishna, Hare Hare.
 Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare.
 Good morning and Happy day to all friends.


 Also referred to as the Gundicha Jatra, Ghosa Jatra, Navadina Jatra or Dasavatara Jatra, the Puri Jagannath Rath Yatra, the most important festival of Lord Jagannath, starts on 21st June 2012, and lasts 10 days in the beach-city of Puri which is about 65 kms south of the Odisha State Capital – Bhubaneshwar. Puri ranks one of the top places in India for Hindu pilgrimage and religious tourism.
 This Rath Yatra is one of the most colourful, elaborate and grand Hindu festivals in India which attracts millions of devotees from all over India as well as abroad as this Yatra occurs just once a year and because this Darshan is considered very auspicious.


 The Yatra comprises one of the largest processions of the world with millions of people pulling and following 50-foot high ornate and decorated wooden chariots on which Lord Jagannath – the Lord of the Universe, Lord Balabhadra and Goddess Subhadra are paraded throughout the city to give Darshan to all their Devotees. It is said that those who participate in the Jagannath Yatra in Puri earn their ‘passage’ to heaven.
 For 15 days prior to the Yatra, 'Snana Pumima' marks the beginning of the Jagannath festival, when the three deities - Lord Jagannath, Lord Balabhadra and Devi Subhadra are given a bath post which they are left in isolation for 15 days - called the period of 'Anabasara' when no public worship is performed. Post 15 days of isolation, the Gods and the Goddess are brought out of the 11th Century-built Jagannath temple in a colourful and musical procession amidst thousands of devotees to board their respective Chariots and then begins the "Rath Yatra'.

 जय श्री राधे कृष्ण. ........
 कल २० जून से गुप्त नवरात्रि देवी पूजन आरम्भ हो रहे हैं.
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण , कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ॥
 सभी मित्रो को शुभ प्रभात एवं आज का दिन मंगलमय हो ।

 पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा, भगवान जगन्नाथ की सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, के रूप में संदर्भित 21 2012 जून को शुरू होता है, और पुरी के समुद्र तट शहर है जो 10 दिनों तक रहता हैOdisha राज्य की राजधानी के बारे में 65 किलोमीटर दक्षिण - भुवनेश्वर. पुरी हिंदू तीर्थ और धार्मिक पर्यटन के लिए भारत में शीर्ष स्थानों में से एक रैंक.
 इस रथ यात्रा में सबसे रंगीन, विस्तृत और भव्य भारत में हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत से लाखों श्रद्धालुओं के साथ ही विदेश में आकर्षित के रूप में यह यात्रा एक साल सिर्फ एक बार होता है और क्योंकि यह दर्शन बहुत शुभ माना जाता है में से एक है.


 ब्रह्मांड के भगवान, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के शहर भर में पेश कर रहे हैं जिससे यात्रा के लाखों लोगों को खींच रहा है और 50 फुट उच्च अलंकृत और सजाया लकड़ी के रथ पर जो भगवान जगन्नाथ के साथ दुनिया का सबसे बड़ा जुलूस के शामिल अपने सभी भक्तों को दर्शन. यह कहा कि जो पुरी में जगन्नाथ यात्रा में भाग लेने के उनके स्वर्ग 'बीतने कमाने है.
 पूर्व यात्रा के लिए 15 दिनों के लिए Snana Pumima ', जगन्नाथ त्योहार की शुरुआत के निशान, जब तीन देवताओं - भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा जो वे 15 दिनों के लिए अलगाव में छोड़ दिया जाता है एक स्नान के बाद दिया जाता है Anabasara 'जब कोई सार्वजनिक पूजा किया जाता है की अवधि. अलगाव के 15 दिनों पोस्ट करने के लिए, परमेश्वर और देवी 11 वीं सदी में निर्मित हजारों श्रद्धालु उनके संबंधित रथ बोर्ड के बीच एक रंगीन और संगीत जुलूस में जगन्नाथ मंदिर के बाहर लाया जाता है और फिर "रथ यात्रा 'शुरू होता है.

~ ~ वृन्दावन का नज़ारा ~ ~

 हर सुबह वृन्दावन का नज़ारा , चिड़ियों का चहकना , मंदिरों की घंटी का आवाज़ , सत पुरुषों का सत्संग जैसे भक्ति रस घुल रहा हो ; हर आत्मा उस में मगन हो यह है खूबसूरती वृन्दावन धाम की | जहां हर बच्चा राधा कृष्ण जी का स्वरुप है , जहां पढाई का पहला अक्षर भगवान् श्री हरी जी के नाम से है | यमुना जी का कल कल करता पानी, फल से लदे वृक्ष, फूलों के झुण्ड, भवरों की गुंजन, हरी नाम की रास लीलाओं के गान ; हर आत्मा को श्री राधा कृष्णा जी से जोड़ देता है |

 कोई गिरिराज की परिक्रमा कर रहा है तो कोई वृन्दावन की; कोई जा रहा है निधिवन तो कोई वंशीवट; कोई मदन टीर तो कोई मान सरोवर ; कोई भागवत वाच रहा है तो कोई गीता ; कोई भक्तों को भगवान की कथा सुना रहा है तो कोई भगवान् के मीठे भजन गा रहा है; ऐसा लगता है की सब तन मन धन से भगवान के श्री चरणों में अर्पित हो गए हों | ऐसा नज़ारा है हमारे वृन्दावन धाम का ।

 कोई सुबह सुबह मंदिर की सीडियां धो रहा है तो कोई प्रसाद बाँट रहा है; कोई कीर्तन कर रहा है तो कोई दर्शन खुलने का इंतज़ार कर रहा है | कोई दर्शन करके उस में मगन हो रहा है तो कोई पद्यावाली लिखने में व्यस्त हो रहा है ; कहीं मंदिर में फूल श्रींगार बन रहा है तो कहीं भोग बन रहा है | ऐसा लगता है जैसे आठों पहर भगवान् से शुरू हो कर भगवान् पर ही ख़तम हो जाते हैं | वक़्त कब ख़तम हो जाता है ये किसी को पता ही नहीं चलता है ।

 ना किसी को अपनी अवस्था का ध्यान है न ही किसी को अहंकार है न ही कोई झगडा लड़ाई है सब मिल झूलकर निः स्वार्थ प्रेम जगा रहे है अपने और दूसरों के दिल में और समय का यह है सुन्दर नज़ारा इस वृन्दावन धाम की | जहां किस रूप में भगवान् मिल जाएँ कुछ पता नहीं ; ऐसी अद्भुत धरती को हम शत शत नमन करते हैं |

 श्री राधा कृष्ण
 घुंगराले केश, कमल नयन, श्याम वरन, मोहिनी चितवन, मीठी मुस्कान, गले में वय्जंती माला, जिनके शीश पर विराजे मोर मुकुट, तन लहराए पीत पीताम्बर, चरणों में नुपुर, हाथों में बांसुरी लिए यह नटखट गोपाल जिसे हर गोप गोपी प्रेम से कान्हा बुलाये- वह सब का चित चुरा लेते हैं |
 भोली भाली, चन्द्र वदन, चंचल नयन, सुन्दर मोहिनी स्वरुप, गौर वरन, मधुर मुस्कान, मन मोहिनी, रसिक वन्दिनी, शीश चंद्रिका धारिणी, कनक समान शोभ्यमान, भूषण बिना विभूषित वृन्दावन धाम की अधिष्टात्री देवी हमारी श्री राधा रानी हैं |

 यहाँ नित्य किशोर और नित्य किशोरी श्री राधाकृष्ण एक प्राण दो देह हैं | श्री राधा रानी जिनकी चरण धूलि भी अत्यंत दुर्लभ है; हर सखी के हृदये में विराजती हैं |
 श्री हित हरिवंश महाप्रभु द्वारा - श्री हित चतुरासी जी का एक वाक्य -
 .......श्री हरिवंश सुरीति सुनाऊं श्यामा श्याम एक संग गाऊँ, राधेश्याम एक संग गाऊँ ; राधा संग नाम बिना नहीं श्याम , श्याम बिना नही राधा नाम.....

 हरे कृष्ण हरे कृष्ण , कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे रामा हरे रामा , रामा रामा हरे हरे !!

 ~ ~ जय श्री राधे कृष्ण ~ ~

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

~ ~ ~ ~ ~ ~ इजाज़त ~ ~ ~ ~ ~ ~

 कान्हा आपकी दोस्ती हम इस तरह निभाएंगे ,
 आप रोज़ खफा होना हम रोज़ आपको मनाएंगे ,
 पर कान्हा मान जाना मनाने से , मत सताना मुझको ,
 वरना ये भीगी पलकें लेकर हम कहा जायेंगे ,
 कान्हा आपके बिना हम एक पल न जी पाएंगे ,
 हम निभाएंगे ये रिश्ता मरते दम तक कान्हा ,
 हसाएंगे आपको ख़ुशी से गम तक ,
 कान्हा कभी हमसे रूठ न जाना ,
 साथ रहना हमारे आखरी दमतक ,
 विश्वास रखना कान्हा अपनी राधा पर ,
 कभी हम पर अहंकार न दिखाना कान्हा ,
 अहंकार हमारे जीवन का दुश्मन है , मुझे आप पर गर्व है कान्हा ,
 आपके जैसा प्यारा स्वामी और जग में दूसरा कोई नहीं ,
 हम लूटायेंगे इस कदर प्यार आप पर कान्हा ,
 एक बार आजमा के देख लीजिये अपनी राधा रानी को ,
 अगर मौत बुलाएगा तो कह देंगे ,
 कान्हा अगर इजाज़त देंगे तो ही हम आयेंगे ।

 ~ ~ ~ ~ ~ ~ सदा बहार ~ ~ ~ ~ ~ ~

~ बिना सावन के उजड़ा चमन ~

 ओ कान्हा प्यारे.....
 ओ रोये मेरा ये तन मन ,
 ओ मेरी सांसों की सरगम , सिसकते रहे ये हरदम ,
 ओ दिन रात तुझे पुकारता हे ये मेरा तन मन ,
 ओ कान्हा प्यारे......

 तेरे ही बाहों में ज़िन्दगी मेरी बीती है ,
 सदा बहारों में खिलती गयी मेरी जिंदगानी ,
 फिर आंधी ऐसे आई , टूटी बहारों की कलि ,
 बिना सावन के उजड़ गई चमन ,
 ओ कान्हा प्यारे......

 कैसे सुहानी बनेगी ये मेरी बगिया जिंदगानी की ?
 कैसे खिलेंगे कलियाँ मेरे मन के जिंदगानी में ?
 कैसे आइयेंगे बरसात की बहार ?
 कैसे भरेगा मेरा उजड़ा हुआ दिल का चमन ?
 और कैसे खिलेंगे फिर से ये सदा बहार ?
 ओ कान्हा प्यारे......

 ओ कान्हा प्यारे में तेरी कैसे बनूँगी दुल्हनिया ?
 मुझको पास बुलाले ओ कान्हा प्यारे ,
 मेरी सांसों की सरगम , सिसकते रहे ये हरदम ,
 तरसे तेरे दरस को ये नयन ,
 ओ कान्हा प्यारे......

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

 ~ Bina Saavan Ke Ujda Chaman ~

 O Kanha Pyaare......
 O Roye Mera Tan Man ,
 O Meri Saanson Ki Sargam , Sasakte Rahe Ye Hardum ,
 O Din Raat Tujhe Pukaarta Mera Ye Man ,
 O Kanha Pyaare......

 Tere Hi Baahon Me Zindagi Meri Beeti Hai ,
 Sadah Bahaaron Me Khilti Gayi Meri Zindagaani ,
 Fir Aandhi Aise Aai , Tooti Bahaaron Ki Kali ,
 Bina Saavan Ke Ujad Gayi Chaman ,
 O Kanha Pyaare......

 Kaise Suhaani Banegi Ye Meri Bagiya Zindagaani Ki ?
 Kaise Khilenge Kaliyaan Mere Man Ke Zindagaani Me ?
 Kaise Aayenge Barsaat Ki Bahar ?
 Kaise Bharega Mera Ujda Hua Dill Ka Chaman ?
 Or Kaise Khilenge Fir Se Ye Sadah Bahar ?
 O Kanha Pyaare......

 O Kanha Pyaare Me Teri Kaise Banungi Dulhaniya ?
 Mujhko Paas Bulaale O Kanha Pyaare ,
 Meri Saanson Ki Sargam , Sisakte Rahe Ye Hardum ,
 Taraste Tere Daras Ko Ye Man ,
 O Kanha Pyaare......

 ~ ~ Sadah Bahar ~ ~

Krishna is a name of the Supreme. It means "all- attractive." Anything that might attract you has its source in the Supreme. Therefore the Supreme is also known as Rama. "Rama" means "the highest eternal pleasure". JAI SHRI KRISHNA
 OM NAMAH BHAGWATE WAASUDEVAAYE NAMOH NAMAHA...
 Hare Krishna ♥ Hare Krishn ♥ Krishna Krishna♥ Hare Hare ♥ Hare Ram ♥ Hare Ram ♥ Ram Ram ♥ Hare Hare ♥ Hare Krishna ♥ Hare Krishna ♥ Krishna Krishna ♥ Hare Hare ♥Hare Ram ♥Hare Ram ♥ Ram Ram ♥ Hare Hare ♥ Hare Krishna ♥ Hare Krishn ♥ Krishna Krishna♥ Hare Hare ♥ Hare Ram ♥ Hare Ram ♥ Ram Ram ♥ Hare Hare ♥ Hare ...

~ ~ सावन की यादें ~ ~

 यादों का तराना , लेकर आए है हम ,
 बदला है मौसम , बदली है बहारें ,
 काली घटाए सावन , बादलों की रंगत लाए है ,
 दस्तक दे रही है , रिमझिम सावन की बारिश ,
 बादल जब गरजती है , दिल की धड़कने बड़ जाती हैं ,
 जब तेज़ हवाएं चलती है , तो जान हमारी जाती है ,
 मौसम है बारिश का , और याद सावन के झूले की आती है ,
 रिमझिम बरसे बरखा , चलती पवन खूब मचाये शोर ,
 बारिश की सोंधी खुशबू , मिटटी के संग आती है ,
 बहती है नदी , और नाचता है मोर ,
 कान्हा तुम्हारी बांसुरी की , मधुर धुन मुझको बहुत भाये है ,
 बरखा रानी की सदा बहार , इसी तरह सज धजकर आती है ,
 जो भुलाने से भी न भूले , वही है हमारी सावन की सदा बहार ।

 जय श्री राधे कृष्ण

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

 ~ ~ Saavan Ki Yaadein ~ ~

 Yadon Ka Taraana , Lekar Aaye Hai Hum ,
 Badla Hai Mausam , Badli Hai Bahaarein ,
 Kaali Ghataayein Saavan , Baadlon Ki Rangat Laaye Hai ,
 Dastak De Rahi Hai , Rimjhim Saavan Ki Baarish ,
 Baadal Jab Garajti Hai , Dill Ki Dhadakane Bad Jaati Hai ,
 Jab Tez Havaayein Chalti Hai , To Jaan Humaari Jaati Hai ,
 Mausam Hai Baarish Ka , Or Yaad Saavan Ke Jhule Ki Aati Hai ,
 Rimjhim Barse Barkha , Chalti Pavan Khoob Machaaye Shor ,
 Baarish Ki Sondhi Khushboo , Mitti Ke Sang Aati Hai ,
 Behti Hai Nadi Or Naachta Hai Mor ,
 Kanha Tumhaari Baansuri Ki , Madhoor Dhun Mujhko Bahut Bhaaye Hai ,
 Barkha Raani Ki Sadah Bahar , Isi Tarah Saj Dhajkar Aati Hai ,
 Jo Bhulaane Se Bhi Na Bhule , Wahi Hai Humaari Saavan Ki Sadah Bahar.

 Jai Shri Krishna

welcome friends good evening jai shri krishna..

 Green Economy
 Keep your world clean and green.
 Save trees,Save the environment!!
 Clean city,Green city!!
 Happy world environment day
 jai shri krishna.

 अपनी दुनिया को स्वच्छ , हरित और सदा बहार रखें ,
 पेड़ों को काटने से बचाए , पर्यावरण को बचाए ,
 स्वच्छ , हरित और सदा बहार अपने शहर को बनाए रखिये ,
 विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक सुभकामनायें !!

 Apni Duniyaan Ko Swach , Harit Or Sadah Bahar Rakhein ,
 Pedon Ko Kaatne Se Bachaaye , Paryavaran Ko Bachaaye ,
 Sawach , Harit Or Sadah Bahar Apne Sheher Ko Banaaye Rakhiye ,
 Vishva Paryavaran Divas Ki Hardik Subhkaamnaaye !!

......क्यूँ मुस्कुरा रहे हो ?

 कान्हा तुम इतना क्यूँ मुस्कुरा रहे हो ?
 क्या बात है जिसको तुम मुझसे छुपा रहे हो ?
 तुम्हारे दो नैनों का राज़ , ज़रा मुझको बतादो कान्हा ,
 इन निगाहों के रास्ते से किसे घायल कर आये हो तुम ,
 तुम्हारे काले रंग का राज , आज किसपर लूटा आये ?
 तुम्हारे इस काले रंग को , ज़रा मुझको भी उधार दे दो कान्हा ,
 में भी तो देखूं , इस रंग को लगाकर , कितने चाहने वाले होंगे मेरे तुम्हारे जैसे ?
 तुम्हारे रंगीले आँखों की रंगत और होंटों के मुस्कान मुझे कुछ कहना चाहे ,
 अब बता भी दो कान्हा , तुम्हारे नैनों का और होंटों का राज़ !!

 .............सदा बहार.............
 Hare Krsna Hare Krsna Krsna Krsna Hare Hare Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare.

ओल फ्रेंड्स...आप सभी से मेरा निवेदन है....

 किसी प्रकार का कुविचार निकाल कर कान्हा का नाम लेकर अपने दिन की शुरुवात और रात की प्रहार होने तक कान्हा का नाम जपते रहिये , कोई भी इंसान बाहर से भला बुरा दीखता नहीं है ,ऐसा इंसान जिसके अन्दर में बदला का भावना हो वो मीठी मीठी बातों से लोगों के मन में कुविचार फैलाते है , अपने ही देश का बर्बादी करने के लिए एक दुसरे को महा संग्राम के लिये तैयार कर रहे है ,१ और १ ग्यारह होने का वास्ता देकर लोगों के दिमाग में कुप्रथा डाला जा रहा हैं और वो दुष्ट इंसान सब को अखण्ड भारत के निर्माण के लिये प्रतिबद्घ करता है..आप सभी से मेरा निवेदन है.... किसी भी प्रकार का कुविचार शंका अथवा लोभ नहीं करना है इस देश को बर्बाद करने से बचाइये , देश के नागरिक होने के नाते और अपने भारत माँ के संतान होने के वास्ते अपने देश को बचाना हमारा कर्तव्य है , श्री कृष्ण जी के महाभारत के युद्ध का वास्ता देकर गलत प्रचार कर रहा है , और भगवत गीता को दोष ठेहेरा रहे है , किसी भी युद्ध को जीतने के लिये गलत रास्ता मत बनाइये , युद्ध लड़कर कोई अमीर नहीं बनता , नियत को स्वच्छ रखिये , और निः स्वार्थ प्रेम बनाकर रखिये एक दुसरे में , दुनियाँ में कोई छोटा बड़ा नहीं है , कोई अमीर कोई गरीब जनम नहीं लेता , हम अपना करम ही लेकर आते है अमीर गरीब का , मेहनत ही सबका रंग लाती है , जैसा करम करेंगे वैसा ही फल प्राप्त होगा ,

 भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि :

 सुख दुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ ।
 ततो युद्घाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि ।।

 जो पुरूष बिना किसी दुःख दर्द की चिन्ता बिना किये , सुख की प्राप्ति चाहते है वो कभी मनुष्य नहीं हो सकता है , वो तो एक कुरुर पशु के बराबर है , बिना किसी हानि के लाभ की , विजय प्राप्त करना चाहता है ये उसके लिए असंभव है , जीवन ही एक संघर्ष है , जिसे सुख दुःख के साथ खुद को लड़ना पड़ता है , किसी के कहने पर लड़ना युद्ध कहा जाता है जो हमारे हीत के लिए नहीं है , भगवान् श्री कृष्ण जी के आधार पर चलने से ही जीवन में विजय निश्चित है , और देश का भला इसी में है की शांति बनाकर देश को गलत रस्ते और गलत इंसानों से बचाया जाये , न की कहे सुने बातों में आकर अपने ही देश में प्रलय लाया जाये ।

 ॐ नमः भगवते वासुदेवाये नमोह नमः ।

 ~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~

 आप सभी की शुभचिन्तक

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

 हैप्पी निर्ज्वाला एकादसी !!

 !!! शुभरात्री !!!

...क्यूँ रूठ जाती रे .......

 राधा रानी क्यूँ रूठ जाती रे ,
 ना हीरा ना मोती ना सोना चाहूं रे ,
 मैं तो केवल राधा तेरा साथ चाहूं रे ,
 ना चन्दा ना सूरज, ना तारा चाहूं रे ,
 मैं तो रानी तेरा सहारा चाहूं रे ,
 दीवना करती है राधा रानी तेरी दो नैनें रे ,
 मैं तो तेरे बातों में खोना चाहूं रे ,
 हर छोटे बातों पर क्यूँ रूठ जाती रे ,
 में तो तेरा प्रेम दीवाना रे ,
 तू बरसाने की राधा रानी रे ।
 जय श्री राधे कृष्ण।.

 ....सदा बहार.....

 .जय श्री राधे कृष्ण
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण
 हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हर

.........."किस्मत" पर नाज हैं..............


 कोई दौलत पर नाज करते हैं, कोई शोहरत पर नाज करते हैं,
 जिसके साथ हो वृन्दावन के श्री बांकें बिहारी और बरसाने की श्री राधा रानी ,
 वो अपनी "किस्मत" पर नाज करते हैं..!
 ..............सदा बहार ....................
 जय श्री राधे कृष्ण
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण
 हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

priceless best friend

 There is a gift that is diamond which we can't buy ,
 A blessing that is given by god ,
 And is very much rare and very much true ,
 That is the gift of a wonderful friend ,
 Like the friend that is you ,
 May god gives everybody ,
 A priceless friend like you.
 may god bless u............
 jai shri krishna.. hari hari bol.
 sadah bahar....

...........प्रार्थना......​.........

 हर सुबह प्रार्थना करूँ कान्हा तुमसे ,
 आँखें बंद करूँ तो सुनाई दे मुझे
 तुमारी निर्मल मुधुर शुर ,
 स्वर्ग के किसी द्वार से ,
 और समा जाये ,
 मेरे निर्मल हृदय में ,
 कान्हा तुम्हारा नाम पुलकीत ,
 हो जाए मेरे जीवन में ,
 और फूटती है कृष्ण नाम से ,
 कोमल संगीत बनकर मेरे होठों से ,
 श्री कृष्ण कृष्ण नाम जप्ती चली जाऊं मै ,
 हर सुबह और शाम ।

 .......सदा बहार ......

.....................​..Happy Birthday..................​............

 Little things and little moments of happiness makes our lives pleasant and perfect, so don’t waste this precious time of happy celebration and keep your moral up to bring more and more happiness in life not only today but throughout this year also do not forget kanha...hare krishna hare ram

 Prayers of your parents, relatives and friends are the guarantee that you are loved by the whole world and also lord krishna's blessings are with you and your birthday becomes special when all of these personalities wish you with sweet wishes and gifts. I wish you always remain the star of their eyes.may kanha bless u...jai shri krishna....
 ..........................​......Happy Birthday..................​............

 ..........................​........Sadah Bahar ..........................​....

..कान्हा मैं तेरी जोगन हूँ..

 जब से तुझे देखा है कान्हा ,
 न जाने मुझे क्या हो गया है ,
 हे वृंदावन के बांकेबिहारी ,
 मैं तो तेरी दीवानी हो गई ,

 कान्हा तू मेरी जन्म दाता है ,
 में तेरी पुजारी दासी हूँ ,
 में तेरे दर पे यूँ ही आस लगाके बैठी हूँ ,
 ओ बांके बिहारी जी मेरा सूद बुद कहा खोते जा रहा है ,
 तेरे चौखट पे दिल ये मेरा खो गया है ,
 हे वृंदावन के बांके बिहारी मैं तेरी हो गई ,

 जब से तुझको देखा है मोहन ,
 मेरा भूक प्यास सब मिट गया ,
 तेरे नाम की मोहन भक्ति मिली मुझको ,
 मेरे मुरझाये मन में तेरे नाम के कलिया खिलीं ,
 जो न सोचा कभी था वही हो गया ,
 हे वृंदावन के बांके बिहारी मैं तेरी हो गई ,
 जोगन बनकर आई थी में ,
 अब तेरे नाम पे मगन हो गई में ।
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!

 ............सदा बहार...........

..... बांसुरी की धुन ...................


 कान्हा मुझे भी सिखा दो थोड़ा बांसुरी की मधुर धुन ,
 ये मधुर सूर , ये मधुर गुंजन ,
 कैसे होंटों से निकालते हो तुम ?
 मुझे इतना भाये की सुने बिना रहा न जाए ,
 राधा राधा नाम से मोरे श्याम पुकारे ,
 और में दौड़ी चली आई ।

 .........जय श्री राधे कृष्ण .......................

 .............सदा बहार ............

~ में हूँ तुलसी तुम्हारे चरणों की दासी ~

 मुझे चरणों से लगा ले मेरे श्याम मुरली वाले ,
 मेरी सांस - सांस में तेरा है नाम मुरली वाले ,
 में तुलसी हूँ तेरे चरणों की ,
 भक्तों की तुमने कान्हा हर विपदा है टाली ,
 मेरी भी स्थान सदा अपने चरणों में संभाल लो बांके बिहारी ,
 बिगड़ें बनाये तुमने हर काम मुरली वाले ,
 पतझड़ है मेरी जीवन , में मधुबन की तुलसी हूँ ,
 सुन ले पुकार कान्हा बस एक बार मुझे अपने चरणों में ले ले ,
 बेचैन मन की तुम ही आराम हो मुरली वाले ,
 तुम हो दया के सागर , जन्मों की मैं हूँ तुलसी तुम्हारी प्यासी ,
 दे दो जगह मुझे भी अपने चरणों में बस ज़रा सी ,
 सुबह तुम ही हो , तुम ही मेरे शाम मुरली वाले ,
 तुम्ही ने तो मुझे हर घर के आँगन का शान बनाया है ,
 सुबह शाम दीप जलाने का प्रथा बनाये हो ,
 में हूँ तुलसी तुम्हारे चरणों की दासी ,
 एक बार मुझे अपने चरणों में ले लो कान्हा ।

 ~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

Maiya Yashoda Jaisi Maa Har Kisi Ko Mile...Happy Mother's Day To All Friends....

 Maiya Yashoda Se Rishta Aisa Banaya Mene ,
 Jisko Nigaahon Me Jitna Bhi Bithaya Jaye Utna Hi Kam Par Jaye ,
 Rahe Maiya Ka Or Mera Rishta Kuch Aisa Ki ,
 Maiya Agar Udaas Ho To Mujhse Bhi Muskuraya Na Jaye Kabhi ,
 Maiya Ki Yaad Pal Pal Satati Hai ,
 Mere Paas Aa Jaao Na Maiya ,
 Wo Maakhan Mujhe Khilaa Jaao Na Maiya ,
 Thak Gaya Hoon Me Duniyaan Sambhaalte Sambhaalte ,
 Kanhaiya , Kanhaiya Naam Se Ek Baar Pukaar Lo Na Maiya ,
 Mujhe Apne Aanchal Main Chupa Lo Na Maiya ,
 Ungliyaan Apni Pher Kar Mujhe Apne Goud Me Sulaao Na Maiya ,
 Ek Baar Phir Se Bachpan Ki Loriyaan Sunaao Na Maiya !!
 Jai Shri Krishna

 sadah Bahar

 मइया यशोदा जैसी माँ हर किसी को मिले...Happy Mother's Day टू ओल फ्रेंड्स....

 मइया यशोदा से रिश्ता ऐसा बनाया मैने ,
 जिसको निगाहों में जितना भी बिठाया जाए उतना ही कम पड़ जाए ,
 रहे मइया का और मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की ,
 मइया अगर उदास हो तो मुझसे भी मुस्कुराया न जाए कभी ,
 मइया की याद पल पल सताती है ,
 मेरे पास आ जाओ न मइया ,
 वो माखन मुझे खिला जाओ न मइया ,
 थक गया हूँ में दुनिया संभालते संभालते ,
 कन्हैया , कन्हैया नाम से एक बार पुकार लो न मइया ,
 मुझे अपने आँचल मैं छुपा लो न मइया ,
 उंगलियाँ अपनी फेर कर मुझे अपने गोद में सुलाओ न मइया ,
 एक बार फिर से बचपन की लोरियां सुनाओ न मइया !!

 जय श्री कृष्ण

...................आँखें..​..................

 जब दो आँखें चार हुई थी मेरे कान्हा मुरलीधर से ,
 तब आँखों में आंसूं यूँ ही छलक आ गई ,
 निग़ाहों में फिर से वो मंजर लहरा जाती है ,
 जब मैं मुरलीधर से दुबारा मिली थी अकेली वीरान वृन्दावन के तट पे ।

 ...जय श्री राधे कृष्ण ...........

 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

 .............सदा बहार .....................

.........कर्मों .............

 ना मैं जप जानूं ना मैं तप जानूं कान्हा
 तेरे चरणों में ध्यान लगाईं जाऊं,
 तो में तर जाऊं कान्हा
 पाप कर्मों का बोझ तडपाये
 नाम जपने से मन ये घबराये
 श्रद्धा सबुरी का ज्ञान मिल जाए
 तो में तर जाऊं,कान्हा
 हरी हरी नाम जपु नित्य दिन
 हरी कृष्ण हरी कृष्ण कृष्ण कृष्ण
 हरी हरी हरी राम हरी राम राम राम
 हरी हरी

 .......सदा बहार ........

Why does lord krishna keeps peacock feather on his head ?

 Mor pankh ka arth hai sabhi doston ka , darshakon aadiyon ko har pal ek hi jagah me seemeet rakhna....isi mor pankh ko unhone isliye dharan kiya q ki mor ek aisa pakshi hai jo 7 indradhanushi rang liye bana hai or to or ye mushkil se dikhta hai...isi tarah shri krishna bhi hai or apna sara shrigaar ko tyaag kar ke unhone mor pankh ko apnaaya taaki iss jagat ke saare dost , darshak aadiyon ko ek samaan pyaar , aadi milte rahe...

 One more thing.....

 The peacock feather contains all the seven colours in it. The entire universe is covered by akasha(ether) which appears blue in day times and black in night. So lord Krishna is identified by both the colours 'Blue' & 'Black'. Krishna paksha in Indian calender means the days that follow after Full-moon day till the New-moon day i.e, the darker phase of 14 days of the moon.

 Further, he wears the peacock feather which signifies that the entire range of colours (we mortal beings) is in him. In virtue he is colourless but in the day he appears blue, black in the night to our vision and in between make us discuss all this multi-coloured multi-perceptional views.

 Jai Shri Krishna....

 Sadah Bahar

............कन्हैया......​.......

 कन्हैया कन्हैया तुझे आना पड़ेगा,
 वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा ~
 तुझ बिन कुछ न भायो रे कन्हैया
 सूद बुद सब खो गयो रे कन्हैया

 .............सदा बहार.............

केशव माधव हरी हरी.

 मुकुंद माधव गोविन्द बोल .
 केशव माधव हरी हरी बोल ..
 केशव माधव हरी हरी बोल .

 हरे कृष्ण-हरे कृष्ण,
 कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे !

 .सदा बहार.

Narasimha Jayanti


 Today marks the occasion on which Shri Vishnu took the form of Narsingh (half man, half lion) in order to save his devotee Prahlad and, in another way, save Hiranyakashyap.

 Here's an explanation of how the day is celebrated, a prayer composed by Bhakt Prahlad that is traditionally recited on it, and refresher of the story for all of you:

 Tomorrow is Narasimha Chaturdasi, the appearance anniversary of Lord Narasimhadeva, the half-man, half-lion incarnation of the Supreme Lord. On this day fasting is observed until dusk, and then followed by feasting. This is a most auspicious day to remember the great mercy the Lord has upon His pure devotees to protect them from all varieties of dangerous situations.
 Here are some beautiful prayers for worshipping Lord Narasimhadeva:
 namas te narasinghaya
 prahlad ahlada-dayine
 hiranyakasipor vaksha
 sila-tanka-nakhalaye

 I offer my obeisances to Lord Narasimha who gives joy to Prahlada Maharaja and whose nails are like chisels on the stonelike chest of the demon Hiranyakasipu.

 ito narasimhaya parato narsimho
 yato yato yami tato narasimha
 bahir narasimho hridaye narasimho
 narasimham adim sharanam prapadye

 Lord Narasimha is here and also there. Wherever I go Lord Narasimha is there. He is in the heart and is outside as well. I surrender to Lord Naarasimha, the origin of all things and the supreme refuge.

 jai..shri..krishna..

 HARE KRSNA HARE KRSNA KRSNA KRSNA HARE HARE,,,,,
 HARE RAMA HARE RAMA RAMA RAMA HARE HARE..

............baatna hai to baato..................


 om namah bhagwate vaasudevaaye namoh namaha.. Happy Ekadasi ! Hare Krishna !.Hari Hari BoL

 baatna hai to baato shrimad bagwatgeeta saar !!
 yaad rakhna hai to rakho bhagwaan shri krishna ji ko !!

 chehra lagana hai to lagaao shyama ji ka !!
 apne aap ko bhul jaao hari naam leke !!


 kabhi na bhulna hari naam !!
 bolo zor se hare krishna hare ram !!

 jo kuch bhi tu karta hai use bhagwaan ke arpan karta chal,
 aisa karne se sada jivan mukat ka anubhav karega,
 om namah bhagwate vaasudevaaye namoh namaha...

 sadah bahar

......हे प्रभु !तुम्हारे बिन हम अकेले है...............

 हे प्रभु ! तुम्हारे बिन हमारी जिंदगी का कुछ मतलब नहीं है ,
 हमारी जिंदगी में बस प्रभु तुम्हारा ही सहारा चाहिए ,

 हे प्रभु ! तुम्हारी याद में हमको न आती नींद और नहीं आती चैन ,
 सब कहते है प्रभु तुम्हारे बिन हम अकेले है ,

 ......................सदा बहार ..........................​......

Lords

 WELCOME..ALL..FRIENDS.GOOD​..MORNING...HAPPY JANAKI NAVAMI.....JAI SITA RAM...

 सीता नवमी पूजनोत्सव 2012 , जानकी नवमी पूजनोत्सव 2012, Sita Navami 2012, Janki Navami 2012
 Description:
 Sita Navami Date 2012 :30th April 2012, Monday

 Sita Navami, or Sita Nabami, is the birth anniversary of Mata Sita, an embodiment of purity and wifely devotion and the consort of Lord Ram. In 2012, the date of Sita Navami is April 30. Mata Sita was adopted by King Janaka; after he found her while he was ploughing his field. Sita Navami is observed on the ninth day of the Shukla Paksha (waxing phase of moon) of Vaishaka month (April – May).

 It must be noted here that Sita Navami in Vaishaka month is more famous with Hindu communities in western and eastern parts of India.

 Mata Sita’s abduction by Ravana and her subsequent rescue by Lord Ram, Lakshman, Hanuman and Vanar Sena is the central theme of the Ramayana. Sita is believed to be an incarnation of Goddess Lakshmi and is worshiped in temples dedicated to Lord Ram.

 So powerful was Sita’s chastity that even though she was carried away by Ravana and kept imprisoned, Ravana could never reach near her as she kept meditating on Lord Ram; and the energy she created out of meditation was powerful enough to burn to death anyone who approached her without her permission.

 When she was rescued, Mata Sita asserted her purity by undergoing ordeal by fire. But eventually Lord Ram had to banish her from Ayodhya as his subjects questioned Her purity.

 She spend the rest of her life in the forest and gave birth to Kusha and Lava. Finally, she called upon her Mother Earth, to swallow her up. She returned in the same way, She was born.

 For centuries the life of Mata Sita has been an inspiration for millions of women. Thousands of books have been return on her life and equating it with condition of women in each century. Today, Her life is discussed all around the world and more and more women are identifying themselves with her.

 हर्षक संग सूचित क रहल छी जे मे १२ तारीख जानकी नवमी परल अछि आ यूथ ऑफ मिथिलाक इयरली कार्यक्रम के हिशाबे ओही दिन हम सव लाजपत नगर स्थित शीतला माता मंदिरक कम्युनिटी हॉल में शीत नवमी पुज्नोत्सव के आयोजन क रहल छी.

 हम पूर्ण आश्वस्त छी जे अहि के पढ़ी आवश्यक सहयोग करब आ मिथिलाक विलुप्त भ रहल सांस्कृतिक जगेरना में सहयोग करब.



 जय मिथिला जय मैथिली

!!! Priya Krishna !!!

 Ek Ajib Si Kashmakash Hai Mere Man Me Shyama !
 Krishna Naam Ke Saat Akshaar Ne Halchaal Macha Diya Hai Mere Man Me !!
 Mujhe Itna Pyaar Kyon Hai Kanha Tumse ?
 Tumhaare Madhur Krishna Naam Se Itna Lagaav Q Hai ?
 Lakh Inkar Karne Par Bhi Krishna Naam Ka Chahat Kam Nahi Hota !
 Subah Se Shaam Kanha Tumhaara Naam Liye Bina Nahi Kat'ta Mera Din !!
 Kanha Tumhaare Krishna Naam Me Aisa Kya Jaadu Hai Ki Krishna Naam Lete Hi Mere Tanman Me Nikhaar Aa Jaati Hai Or Manmohit Ho Jata Hai ?
 Jab Tak Hari Naam Na Japun Tab Tak Me Ek Kashmakash Me Reheti Hoon !
 Tumhaare Darshan Ke Liye Mera Man Tarasta Hai !!
 Kabtak Milega Tumhaara Darshan Mujhe Krishna Kanhaiya ?
 Kanha Tumhe Pana Shayad Mere Naseeb Me Nahi Hai !
 Phir Bhi Tumhaare Intezaar Me Hoon !
 Ek Baar Daras Do Krishna Kanhaiya !!

 !!! Hare Krishna !!!

 !! Sadah Bahar !!

Kanha Kab Tak Bahenge Mere Ye Ashq ?

 Kanha Mera Apne Kisi Dost Ke Saath Koi Dushmani Nahi Hai,
 To Fir Q Koi Mujhe Baar Baar Pareshaan Kar Raha Hai ?
 Mera Kya Kasoor ?
 Koi Kare Or Hum Uska Saza Paye,
 Par Q Kanha ?
 Me Tumhaari Badkismat Waali Shradha Hoon.
 Kya Tumhare Seva Me Mujhse Koi Galti Hui Hai ?
 Jo Tum Mujhe Dukh Pe Dukh Diye Ja Rahe Ho ?
 Kanha Kab Tak Bahenge Mere Ye Ashq ?

 ............... ~ ~ Jai Shri Krishna ~ ~ ................

 ~ ~ Sadah Bahar ~ ~

........anmol ratan ........

 mere nainon me dekha shyama tujhko hazaar baar..or..hari naam lete rahi baar baar.
 shyama teri yaadon me meri nainon se jo ashq bahe......ye meri anmol ratan hai....
 ise me kabhi khona nahi chahti....inhe apne aankhon me hi samaana chahti hoon....

 jai shri krishna....hari bol...

 sadah bahar....

~ ~ श्री कृष्णाय नमः ~ ~

 हे प्रिय श्यामसुन्दर, इस ह्रदय की एकमात्र अभिलाषा है...

 जब छोड़ चलु इस दुनिया को, होठों पे नाम तुम्हारा हो...
 चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले, ह्रदय में वास तुम्हारा हो...

 तन श्याम नाम की चादर हो, जब गहरी नींद में सोई रहूँ...
 कानो में मेरे गुंजित हो, कान्हा बस नाम तुम्हारा हो...

 जब छोड़ चलु इस दुनिया को, होठों पे नाम तुम्हारा हो...
 चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले, ह्रदय में वास तुम्हारा हो.
 .
 रस्ते में तुम्हारा मंदिर हो, जब मंजिल को प्रस्थान करूँ...
 चौखट पे तेरी मनमोहन, अंतिम प्रणाम हमारा हो...

 जब छोड़ चलु इस दुनिया को, होठों पे नाम तुम्हारा हो...
 चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले, ह्रदय में वास तुम्हारा हो.
 ..
 उस वक्त श्यामसुन्दर आ जाना, जब चिता पे जाके शयन करूँ...
 मेरे मुख में तुलसी जल देना, इतना बस काम तुम्हारा हो.

 जब छोड़ चलु इस दुनिया को, होठों पे नाम तुम्हारा हो...
 चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले, ह्रदय में वास तुम्हारा हो..
 .
 अगर सेवा की मैंने तुम्हारा तो मेरी सेवा में तुम प्रस्न हुए हो
 तो उसका ये उपहार मुझे मिले.

 चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले, ह्रदय में वास तुम्हारा हो.....
 जब छोड़ चलु इस दुनिया को, होठों पे नाम तुम्हारा हो...
 .
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

 ~ ~ जय श्री कृष्णा ~ ~

 ~ ~ सदा बहार ~ ~

,,,,,,,,,,,,श्री राधा नाम की शक्ति,,,,,,,,,,,

 मन की भक्ति है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,श्री​ राधा
 तन की शक्ति है,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 जीवन की आराधना है ,,,,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 कृष्णा का सपना में है,,,,,,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 बंसी की तान मे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 कृष्णा कि शान है ,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 वृन्दावन की बरसाने वाली है,,,,,,,,श्री राधा
 दुनिया के घर घर मे है,,,,,,,,,,,,,,,,श्री राधा
 कहा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,​,,,,,श्री राधा
 हर मंदिर में है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,​,श्री राधा

 जय,,,श्री,,,राधे,,,राधे,,,

 ,,,सदा,,,बहार,,,

Friendship is not a game to play, It is not a word to say, It doesn't start on March and ends on May, It is tomorrow, yesterday, today and everyday.

 jai..shri..krishna..

 sadah bahar...

Hare Krishna! Hare Rāma!
 Wish you very happy Rāma Navami: Appearance of Lord Sri Rāma Candra
 Jāya Sita Rāma, Laxman, Bhakta Hanuman!
 Hare Krishna! Hare Krishna!! Krishna Krishna! Hare Hare!!

 Hare Rāma ! Hare Rāma !! Rāma Rāma ! Hare Hare!!

 Sadah Bahar

हरे रामा-हरे रामा....रामा रामा हरे हरे....हरे कृष्णा हरे कृष्णा....कृष्णा कृष्णा हरे हरे...

 कृष्ण धुन में डूबे भक्त और हरी नाम में
 हर तरफ कृष्ण नाम का अनुपम स्वर लगे रहे सुबह शाम ।
 गले में तुलसी की माला डाले अपने प्रभु में लीन हो जाना
 प्रभु के नाम से कहीं कोई चिंता नहीं कोई बैर-भाव नहीं
 बस प्रभु का ही नाम लेते रहो हरदम
 भर दें प्रभु आप सभी के ज़िन्दगी में खुशियाँ ही खुशियाँ

 ~ ~ जय श्री कृष्णा ~ ~

 ~ ~ सदा बहार ~

shaanti


 man ko shaanti hari naam se hi milega.
 Ye Satrangi Duniya Hai,
 Yaha Roj Krishna Naam Japna Padta Hai,
 Rote Rehte Hai Har Waqt Hum Hari Ka Naam Lete Lete ,
 Lekin Shri Krishna Ji Ki Araadhna Karte Waqt Unke Dhyaan Me Hi Unka Naam Lena Chahiye Jai Shri Krishna or man ko shaanti hari naam se hi milega...

 hari..hari..bol

~ ~ sadah bahar ~ ~ 

Monday, June 11, 2012

सादे रंग


सादे रंग को गलती से आप न कोरा समझो ,
इसी में समाये इन्द्रधनुषी सातों रंग ,

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

जो दिखे आपको ज़िन्दगी सादगी भरी किसी की ,
तो आप यूँ समझो सतरंगी है दुनिया हमारी ।

~ ~ जय श्री राधे कृष्ण ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

राधा नाम की बांसुरी


 राधा जी ने बांसुरी से पूछा :- 


बासुरी यह बताओ कि मैं ,

कृष्ण जी की क्या लगती हूँ ?



तो बांसुरी ने कहा :- 

की तुम तो श्री कृष्ण जी की अन्धांगी हो !



तब राधा जी ने बांसुरी से कहा :-

तो श्री कृष्ण जी तुम्हे क्यू ,

अपने होंटों में लगाए रखते है ?

बांसुरी ने कहा की :-


में बांसुरी ज़रूर हूँ ,पर इस बांसुरी में ,

राधा नाम लिखा है
 
जो श्री कृष्ण जी के होटों से ,

लग के श्री राधा नाम का धुन निकालता है !

जिसे सुन तुम दौड़ी चली आती हो !

समझ सको तो समझो श्री कृष्ण जी की प्यारी हो तुम !

श्री कृष्ण जी तुम को कीतना प्यार करते है ,

ये में जानता हूँ ,

फिर भी तुम इतनी सी बात नहीं समझ पाई ?

और मुझे दोषी ठेहेरा रही हो !

तुम श्री क्रष्ण जी से ही पूछ लो !

की वो तुमसे कितना प्यार करते है !

और बांसुरी के माध्यम से ,

 मुझे ही क्यू अपने होटों से लगाए रखते है ! 

इसका क्या कारण है?

बांसुरी ने कहा :-
मैं श्री कृष्ण जी की मर्ज़ी से चलता हूँ 

और

उनके मर्ज़ी के बिना पत्ते भी नहीं हील सकते है !!



~ ~ जय श्री राधे राधे ~ ~  

~ ~ सदा बहार ~ ~

प्राणनाथ

हे प्राणनाथ प्रभु ,
विनती है आपसे ,
तनिक तो ठेहेरिये प्रभु ,
सारे जग की सेवा तो आप करते रहिये ,
पर कुछ सेवा हमे भी करने दीजिये आपकी ,
आपके सेवा के लिए मुझे पुष्पक नहीं मिला ,
तो पञ्च माला लिए आये है हम ,
आपके चरणों में अर्पित करने के लिए ,
प्रभु इसे स्वीकार कर लीजिये !

~ ~ जय श्री राधे कृष्ण ~ ~

~ ~ सदा बहार ~ ~

Yayati Charitra

Sermishtha Was The Daughter Of Vrishaperva , King Of The Daityas , And Devayani , The Daughter Of Sukra , Regent Of The Planet Venus And The Spiritual Preceptor Of The Daitya Race. Devayani Having Incurred The Displeasure Of Sermishtha The Latter Threw The Former Into A Well , Where She Was Found By King Yayati , The Son Of Nahusha. Devayani , On Returning To Her Father, Excited His Anger Against Vrishaperva , Who , Too Appease Sukra , Consented To Give His Daughter To Devayani As Her Servant , With A Thousand Other Female Attendants. Devayani Was Married To Yayati. At The Time Of Her Marriage , Sukra Obtained The King's Promise That He Would Never Associate With Sermishtha ; But After Some Interval , The King Meeting Her , Fell In Love With , And Espoused , Her Privately. The Intrigue Continued Secret , Until Yayati Had Two Sons By Devayani And Three By Sermishtha , When It Was Discovered By The Former , And Excited Her Resentment As Well As That Of Her Father. The Violation Of The King's Promise Was Punished By Premature Decay , As Denounced Upon Him By Sukra , With Permission , However , To Transfer His Infirmities To Anyone Who Would Acccept Them. Yayati Appealed To His Sons ; Of Whom The Youngest Alone , Puru , Consented To Assume The Burden. After A Sufficient Period , Yayati Took His Decrepitude Back Again , And Left The Sovereignty To Puru In Reward Of His Filial Piety. All The Sons Of Yayati Were The Founders Of Distinguished Families. The Pauravas Were The Descendants Of Puru In Whose Line The Kaurava And The Pandava Families Were Comprised.

~ ~ Jai Shri Radhe Krishna ~ ~ 

~ ~ Sadah Bahar ~ ~