..कान्हा मैं तेरी जोगन हूँ..
जब से तुझे देखा है कान्हा ,
न जाने मुझे क्या हो गया है ,
हे वृंदावन के बांकेबिहारी ,
मैं तो तेरी दीवानी हो गई ,
कान्हा तू मेरी जन्म दाता है ,
में तेरी पुजारी दासी हूँ ,
में तेरे दर पे यूँ ही आस लगाके बैठी हूँ ,
ओ बांके बिहारी जी मेरा सूद बुद कहा खोते जा रहा है ,
तेरे चौखट पे दिल ये मेरा खो गया है ,
हे वृंदावन के बांके बिहारी मैं तेरी हो गई ,
जब से तुझको देखा है मोहन ,
मेरा भूक प्यास सब मिट गया ,
तेरे नाम की मोहन भक्ति मिली मुझको ,
मेरे मुरझाये मन में तेरे नाम के कलिया खिलीं ,
जो न सोचा कभी था वही हो गया ,
हे वृंदावन के बांके बिहारी मैं तेरी हो गई ,
जोगन बनकर आई थी में ,
अब तेरे नाम पे मगन हो गई में ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!
............सदा बहार...........
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