दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Thursday, June 21, 2012


~ ~ ~ ~ ~ ~ इजाज़त ~ ~ ~ ~ ~ ~

 कान्हा आपकी दोस्ती हम इस तरह निभाएंगे ,
 आप रोज़ खफा होना हम रोज़ आपको मनाएंगे ,
 पर कान्हा मान जाना मनाने से , मत सताना मुझको ,
 वरना ये भीगी पलकें लेकर हम कहा जायेंगे ,
 कान्हा आपके बिना हम एक पल न जी पाएंगे ,
 हम निभाएंगे ये रिश्ता मरते दम तक कान्हा ,
 हसाएंगे आपको ख़ुशी से गम तक ,
 कान्हा कभी हमसे रूठ न जाना ,
 साथ रहना हमारे आखरी दमतक ,
 विश्वास रखना कान्हा अपनी राधा पर ,
 कभी हम पर अहंकार न दिखाना कान्हा ,
 अहंकार हमारे जीवन का दुश्मन है , मुझे आप पर गर्व है कान्हा ,
 आपके जैसा प्यारा स्वामी और जग में दूसरा कोई नहीं ,
 हम लूटायेंगे इस कदर प्यार आप पर कान्हा ,
 एक बार आजमा के देख लीजिये अपनी राधा रानी को ,
 अगर मौत बुलाएगा तो कह देंगे ,
 कान्हा अगर इजाज़त देंगे तो ही हम आयेंगे ।

 ~ ~ ~ ~ ~ ~ सदा बहार ~ ~ ~ ~ ~ ~

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