दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Thursday, June 21, 2012


.........कर्मों .............

 ना मैं जप जानूं ना मैं तप जानूं कान्हा
 तेरे चरणों में ध्यान लगाईं जाऊं,
 तो में तर जाऊं कान्हा
 पाप कर्मों का बोझ तडपाये
 नाम जपने से मन ये घबराये
 श्रद्धा सबुरी का ज्ञान मिल जाए
 तो में तर जाऊं,कान्हा
 हरी हरी नाम जपु नित्य दिन
 हरी कृष्ण हरी कृष्ण कृष्ण कृष्ण
 हरी हरी हरी राम हरी राम राम राम
 हरी हरी

 .......सदा बहार ........

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