दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Thursday, June 21, 2012


...क्यूँ रूठ जाती रे .......

 राधा रानी क्यूँ रूठ जाती रे ,
 ना हीरा ना मोती ना सोना चाहूं रे ,
 मैं तो केवल राधा तेरा साथ चाहूं रे ,
 ना चन्दा ना सूरज, ना तारा चाहूं रे ,
 मैं तो रानी तेरा सहारा चाहूं रे ,
 दीवना करती है राधा रानी तेरी दो नैनें रे ,
 मैं तो तेरे बातों में खोना चाहूं रे ,
 हर छोटे बातों पर क्यूँ रूठ जाती रे ,
 में तो तेरा प्रेम दीवाना रे ,
 तू बरसाने की राधा रानी रे ।
 जय श्री राधे कृष्ण।.

 ....सदा बहार.....

 .जय श्री राधे कृष्ण
 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण
 हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हर

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