...क्यूँ रूठ जाती रे .......
राधा रानी क्यूँ रूठ जाती रे ,
ना हीरा ना मोती ना सोना चाहूं रे ,
मैं तो केवल राधा तेरा साथ चाहूं रे ,
ना चन्दा ना सूरज, ना तारा चाहूं रे ,
मैं तो रानी तेरा सहारा चाहूं रे ,
दीवना करती है राधा रानी तेरी दो नैनें रे ,
मैं तो तेरे बातों में खोना चाहूं रे ,
हर छोटे बातों पर क्यूँ रूठ जाती रे ,
में तो तेरा प्रेम दीवाना रे ,
तू बरसाने की राधा रानी रे ।
जय श्री राधे कृष्ण।.
....सदा बहार.....
.जय श्री राधे कृष्ण
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण
हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हर
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