एक बार 'राधा' नाम का उच्चारण से मोक्ष की प्राप्ति होती है
'रा' का अर्थ है मोक्ष 'धा' का अर्थ है प्राप्ति
कृष्ण जब वृन्दावन से मथुरा गए,तब से उनके जीवन में एक पल का भी विश्राम नहीं था
उन्होंने प्रजा की रक्षा की,राजाओं को लूटे हुए राज्य वापस दिला दिए
और सोलह हज़ार स्त्रियों को गरिमा प्रदान की
श्री कृष्ण ने किसी चमत्कार से लड़ाइयाँ नहीं जीती ,बल्कि बुध्धि योग और ज्ञान के आधार पर जीवन को सार्थक किया|
मनुष्य का जनम लेकर मानवता की रक्षा की, अधिकारों की रक्षा की , वे जीवन भर चलते रहे,कभी स्थिर नहीं रहे, जहाँ उनकी पुकार हुई वे सहायता में जुटे रहते
उधर जब कृष्ण वृन्दावन से गए गोपियाँ और राधा तो मानो अपना अस्तित्व हे खो चुकी थी
राधा ने कृष्ण के वियोग में सुधबुध ही खो दी
मानो प्राण न हो केवल काया ही रह गयी हो
राधा कृष्ण का प्रेम ऐसा अलोकिक था उसकी साक्षी थी यमुना जी की लहरें ,वृन्दावन की कुञ्ज गलियाँ ,कदम्ब के पेड़ , वोह बेला जब श्याम गायें चरा के वापस आते थे वोह मुरली के स्वर जो सदा हवाओं में विद्यमान रहती थी
राधा वनों में भटकती कृष्ण कृष्ण पुकारती अपने प्रेम को अमर बनती, उसकी पुकार सुन कर भी, कृष्ण ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा
किन्तु कृष्ण के हृदय का स्पंदन किसी ने नहीं सुना ,स्वयं उनको भी इतना समय नहीं मिला की वोह अपने दिल की बात सुन ले
जब अपने ही कुटुंब से व्यथित होकर वे प्रभास क्षेत्र में लेट कर चिंतन कर रहे थे तब 'जरा' के छोड़े हुए तीर की चुभन महसूस हुयी
तब भी उन्होंने देह त्यागते हुए 'राधा' नाम का उच्चारण किया
जिसे 'जरा' और 'उद्धव' को सुना जो उसी समय वहां आ गए
'उद्धव' की आँख से आंसू बहने लगे
सभी लोगों को कृष्ण का सन्देश देने के बाद जब वे 'राधा रानी' के पास पहुंचे , तो केवल इतना कह सके की राधा
"'कान्हा तो संसार के के थे,लेकिन कृष्ण तो केवल राधा के हृदय में है'"
राधा कृष्ण की जोड़ी आज इस संसार में अमर है आज भी उनके प्रेम की मिसाले दी जाती है
राधा की भक्ति करने से कृष्ण अपने आप भक्तों के पास खुद चले आते है, उनके दुःख दूर करने
मुझे खुद नहीं पता लगा इस नोट को लिखते हुए मेरे आंसू कब निकले
सच मानियेगा जब में लिख रहा था तब ऐसा लगा जैसे राधा माधव मेरे साथ है
मुझे देख रहे है ,मेरे साथ अपने होने एहसास दे रहे है
एक अलग सा एहसास बहुत अच्छा जो शायद हे में कभी देखा
~ ~ जय श्री राधे ~ ~
~ ~ सदा बहार ~ ~
Behan radhe radhe par aap ye bataiye jo aapne ullekhit kiya 16 hajar striyan...unko aap gopi kahiye...we aam striya nahin thi jo aapne striyan keh ke sambodhit kiya
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