~ में हूँ तुलसी तुम्हारे चरणों की दासी ~
मुझे चरणों से लगा ले मेरे श्याम मुरली वाले ,
मेरी सांस - सांस में तेरा है नाम मुरली वाले ,
में तुलसी हूँ तेरे चरणों की ,
भक्तों की तुमने कान्हा हर विपदा है टाली ,
मेरी भी स्थान सदा अपने चरणों में संभाल लो बांके बिहारी ,
बिगड़ें बनाये तुमने हर काम मुरली वाले ,
पतझड़ है मेरी जीवन , में मधुबन की तुलसी हूँ ,
सुन ले पुकार कान्हा बस एक बार मुझे अपने चरणों में ले ले ,
बेचैन मन की तुम ही आराम हो मुरली वाले ,
तुम हो दया के सागर , जन्मों की मैं हूँ तुलसी तुम्हारी प्यासी ,
दे दो जगह मुझे भी अपने चरणों में बस ज़रा सी ,
सुबह तुम ही हो , तुम ही मेरे शाम मुरली वाले ,
तुम्ही ने तो मुझे हर घर के आँगन का शान बनाया है ,
सुबह शाम दीप जलाने का प्रथा बनाये हो ,
में हूँ तुलसी तुम्हारे चरणों की दासी ,
एक बार मुझे अपने चरणों में ले लो कान्हा ।
~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~
~ ~ सदा बहार ~ ~
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