..... बांसुरी की धुन ...................
कान्हा मुझे भी सिखा दो थोड़ा बांसुरी की मधुर धुन ,
ये मधुर सूर , ये मधुर गुंजन ,
कैसे होंटों से निकालते हो तुम ?
मुझे इतना भाये की सुने बिना रहा न जाए ,
राधा राधा नाम से मोरे श्याम पुकारे ,
और में दौड़ी चली आई ।
.........जय श्री राधे कृष्ण .......................
.............सदा बहार ............
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