दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Wednesday, May 16, 2012
कृष्ण नाम
मैंने कृष्ण नाम का रट लगाईं रे ,
मन में रट लगाईं रे कृष्ण नाम की ,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे ,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे ,
राम राम हरे हरे ,
हरे राम हरे राम ,
राम राम हरे हरे ,
मेरे पलकों में कृष्ण ,
मेरे अश्कों में कृष्ण ,
मेरे नैनों में कृष्ण ,
मेरे बांहों में कृष्ण ,
मेरे अंग अंग में कृष्ण है ,
मेरे संग संग में है कृष्ण ,
मैंने मेहँदी रचाई है कृष्ण नाम की ,
मैंने मांग सजाई है कृष्ण नाम की ,
मैंने चुनरी भी ओड़ी है कृष्ण नाम की ,
मैंने नथनी भी पहनी है कृष्ण नाम की ,
मैंने चूड़ी भी पहनी है कृष्ण नाम की ,
मैं कृष्ण की बड़ी प्यारी राजदुलारी हूँ ,
कृष्ण कनहईया गिरधर बंशी बजाईया गोपाला ,
एक बार अपने बंशी की तान सुना दो राधा नाम की ।
~ ~ जय श्री राधे कृष्ण ~ ~
~ ~ सदा बहार ~ ~
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