दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Thursday, August 9, 2012

कृपा करो प्रभु इस अभागा को



भरोसा हैं कान्हा तुम पे इसलिए तेरे दर मै आया हूँ ||

मेरे दिल में जो प्यार छुपा है तेरे लिए वही दिखाने आया हूँ ||

जरूरत है तेरे प्यार की कृपा प्रभु इस ‘अभागा को मिल जाये |

बड़ा भरोसा हैं तुझपे कान्हा मेरे ,इस अरमान को पूरा कर दे |

मै एक उम्मीद की ज्योत जगा के साथ लाया हूँ कान्हा |
कान्हा भरोसा हैं तुम पे , इसलिए तेरे दर मै आया हूँ ||

बड़ा प्यारा है दरबार तेरा , लगता हैं मेरे मन को नयारा |
सारे जग को छोड़ कर आया हूँ मै तेरे दर पर अपने आप को समर्पण करने ||

स्वामी तेरे चौखट पे मै सिर झुकाने आया हूँ |
भरोसा हैं कान्हा तुम पे इसलिए तेरे दर मै आया हूँ ||

थोड़ी जगह दे दो प्रभु मुझको अपने चरणों में ||
सारे जग में समां जाऊं में तेरे हरी नामों में |

तुम्हारी चरणों का स्वामी , मै अमृत पीने आया हूँ |
भरोसा हैं कान्हा तुम पे इसलिए तेरे दर मै आया हूँ ||

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 

~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

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