दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Wednesday, January 1, 2014

MY BAL GOPAL ( IN MY HOME TEMPLE )



all friends this video is for my nephew sai samarth...

Iśvaraḥ paramaḥ kṛṣṇaḥsac-cid-ānanda-vigrahaḥ
anādir ādir govindaḥ
sarva-kāraṇa-kāraṇam

"Krishna who is known as Govinda is the Supreme Godhead. He has an eternal blissful spiritual body. He is the origin of all. He has no other origin and He is the prime cause of all causes."~Sri Brahma Samhita —

श्री कृष्णः 
भगवान् श्री कृष्णः महात्मा महायोगी च आसीत् l तस्य पिता वसुदेवः , माता देवकी च आस्ताम् l स बाल्यकाले एव सर्वासु विद्यासु महतीं योग्यतां प्राप्नोत् l स शस्त्रविद्यायाम् अतीव निपुणः आसीत् l मुरलीवादने तु अद्वितीयः अभवत् l स बाल्यावस्थायाम् एव बहूनां राक्षसानां वधं अकरोत् l स महानीतिज्ञः आसीत् l युद्धे अर्जुनः किं कर्तव्यविमूढः अभवत् l भगवान् श्री कृष्णस्तस्मै गीतायाः उपदेशम् अददात् l भगवद्गीता न केवलं भारतवर्षे, अपि तु संपूर्णे जगति आदरेण पठ्यते l तस्य जन्मतिथिः श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी इति पर्वरूपेण भारतवर्षे सर्वैः सोत्साहं संमान्यते l जन्माष्टमी उत्सवस्य शुभाशयाः l 

जय श्री कृष्णा 

सदा बहार 

Tuesday, January 29, 2013

Friendship Day Sms




Friendship is not a game to play, 
It is not a word to say, 
It doesn't startS on March and ends on May,
It is tomorrow, yesterday, today and everyday,
friendship is god gifted.

Doston Aap Sabhi Se Meri Guzaarish Hai, 
Hum Aapse Kabhi Kuch Nahi Maangenge Dosti Me, 
Facebook Ke Friendship Me Koi Dararein Na Aane Dena, 
Hakikat Me Mulakat Ho To Thoda Sa Smile Kar Dena.

Hazaron Shabdon Me Ek Shabd Hai Dosti Ka,
Jab Hum Hi Nahi Rahenge To Dosti Banayega Kaun,
Ae Khuda Mere Dosto Ko Salamat Rakhna,
Verna Mere Jeene Ki Dua Karega Kaun.
`
Phulon Sa Khubsurat Or Naazuk Hai Dost,
Sagar Se Gehara Hai Sachha Dosti,
Sachhi Dosti Zindagi Bhar Saath Rahe, 
To Dosti Ke Dostana Me Char Chand Lag Jayega,
Dosto Dosti Ka Haath Badaaye Rakhna Hardum,
Chahe Toofaan Aaye Ya Pralay Dosti Ka Haath Kabhi Na Chodna,
Khuda Se Dua Karo Ki Hardum Hum Sab Dosti Bane Rahe.
`
Agar Kal Hum Nahi Bhi Rahe,
Hamari Yaadein Sada Rahengi,
Sirf Nazare Uthake Chaand Ko Dekhna,
Hamari Dosti Ki Tasvir Waha Bani Rahegi.
`
Aap Sabhi Ke Dosti Ne Bahut Kuch Sikha Diya,
Meri Khamosh Duniya Ko Jaise Hasa Diya,
Karzdar Hu Mein Khuda Ka,
Jisne Mujhe Aap Jaise Dost Se Mila Diya.
`
Dosti To Sirf Ittifaq Hai,
Yeh To Dillon Ki Mulaqat Hai,
Dosti Nahi Dekhti Ye Din Hai Ki Raat Hai.




~ ~ Jai Shri Krishna ~ ~ 

~ ~ Sadah Bahar ~ ~ 

दरस दिलई देश्याम




श्याम मनवा मोरे एक बार दरस दिलई दे , 

इक पल चैन न पाए तुम बिन,

तोरी प्रीत की डोरी संग बंध,

जान ना पाए ये कैसा बंधन, 

चरणों में मुझे ले लो मेरे सँवारे, 

अब ना भटका जाए,

आ जा रे मोरे श्याम आ जा रे मोरे श्याम,

दरस दिलई दे | 


 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 


~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 


~ ~ सदा बहार ~ ~ 

आज का सुविचार / आज का पंचांग




आज का सुविचार किसी मनुष्य द्वारा किसी अन्य के लिए

अपशब्दों/गालीबुरे शब्दों का प्रयोग का अर्थ यह हें की उसके पास सही 

शब्दों को इस्तेमाल करने वाला विवेक/बुद्धि नहीं हें, उसे क्षमा कर देवें..

वह हेरान/परेशान/समय की मार से/अपने कर्मो का फल भोग रहा 
हें...

उस पर दया करें....


आज का पंचांग ----


29 जुलाई 2012, (रविवार)----श्रावण 7 शक संवत 1934। श्रावण 

शुक्ल 11, विक्रम 2069। सौर श्रावण मास की 14 प्रविष्टे। चंद्रमा 

दिनमान वृश्चिक राशि में अर्द्धरात्रि के उपरांत 3 बजकर 4 मिनट पर धनु 

राशि में संचार करेगा। आज ही पवित्रा एकादशी व्रत सबका।राहुकाल 

अपराह्न 4.30 से 6 बजे तक।एकादशी तिथि शाम 6 बजकर 19 मिनट 

तक इसके उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ। ज्येष्ठा नक्षत्र अर्द्धरात्रि के 

बाद 3 बजहकर 4 मिनट तक उसके उपरांत मूल नक्षत्र का आरंभ। 

ब्रह्मयोग पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट तक उसके उपरांत ऐन्द्रयोग 
का

 आरंभ।वणिजकर प्रात: 7 बजकर 35 मिनट तक इसके उपरांत 

विष्टिकरण का आरंभ।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 


~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 


~ ~ सदा बहार ~ ~ 

kanha




kanha Hum se koi gila ho jaye to maaf karna,

hum yad na kar paaye to maaf karna kanha 

Dill se to hum aapko kabhi bhulaate nahi hai 

agar ye dill hi rukh jaye to maaf karna kanha 




jai shri radhe krishna 


SADAH BAHAR

तेरी लाज मेरे हाथ है भगवान





जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होइ । 
या आपा को डारिदे, दया करै सब कोइ ॥

भावार्थ - हमारे मन में यदि शीतलता है, क्रोध नहीं है और क्षमा है, तो संसार में हमसे किसीका बैर हो नहीं सकता । अथवा अहंकार को निकाल बाहर करदें, तो हम पर सब कृपा ही करेंगे ,जय श्री कृष्ण.

हे कृपा निधान , हे भगवान, मैं अपने आपको तुम्हें समर्पित कर रहा हूं। कृपया मुझे मुक्ति दे दो नाथ। फिर जीवन भर जोडूंगा तेरा हाथ। हे नाथ तुने सबकी इच्छाओं को पूरा किया है। तेरी कृपा से लंगड़ा पर्वत चढ़ जाता है ,अंधा देखने लगता है, बहरा सुनने लगता है, गूंगा बोलने लगता है।

तेरी कृपा मात्र से आदमी को क्या कुछ नहीं मिल जाता है। हे नटवर तुमने अपने भक्तों को यह बचन दिया था कि तेरी षरण में जो आ जाता है, उसके तुम सारे दुख हर लेते हो । उसे तुम मनोवांछित फल प्रदान कर देते हो। तुमने भक्तों से अहंकार छोड़ने को कहा है, मैंने अहंकार छोड़ दिया है। मैं अब तुम्हारी षरण में हूं। मैं अपने बल पर यह चुनाव नहीं जीत सकता नटवर। तुम भक्तों के कल्याण के लिए धरती पर जन्म तक ग्रहण कर लेते हो। क्या तुम मेरी चुनावी नैया पार करने के लिए एक चमत्कार तक नहीं कर सकती ।

तुमने दूसरे के भलाई के बारे में सोंचने को कहा था, इसलिए मै दूसरे के बारे में सोच रहा हूं। मेरे विरूद्ध चुनाव लड़ रहा षख्स माया केे वषीभूत है नाथ। उसे हित अनहित का ध्यान नहीं है। मैं नहीं चाहता कि वह चुनाव जीतकर माया के अधीन हो। इसलिए उसे माया से दूर करना चाहती हूं।
पर वह मेरी सुनता हीं नहीं। चुनाव में मुझसे जो उसकी बढ़त दिखाई दे रही है वह क्षणिक सुख है।
जिसे वह स्थायी समझने की भुल कर रहा है। मैं नहीं चाहती कि मेरा विरोधी माया ग्रस्त हो।

माया बड़ी बलवती है। जब वह भगवान को नहीं छोड़ती तो भला उसे कैसे छोड़ेगी। उसे तुम माया से मुक्त कर दो नाथ। वह मेरी बात नहीं सुन रहा है नटवर। मैंे उसे षाम- दाम -दंड- भेद दिखाकर थक गया हूं। वह नहीं माना। अब तुमपर हीं आस टिकी है ,तेरी हीं कृपा पर हीं मेरी सास टिकी है। हे कृष्ण कन्हैया तुम मुझे मेरे विरोधियों से मुक्ति प्रदान कर दो। उसे तुम त्याग का उपदेष पिला दो।

उसे तुम बता दो कि यह जीवन नष्वर है। इसके लिए मोहग्रस्त होना कहां की बुद्धिमानी है? इसके लिए वह क्यों माया- मोह कर रहा हैं । वह क्यों दूसरे के हक को छीनने की कोषिष कर रह है। क्यों सांसारिकता में उलझ रहा है। अन्त समय कोई उसके साथ नहीं जाएगा। उन्हें यह बता दो कि सिंकन्दर विष्व विजयी होकर भी इस संसार से खाली हाथ हीं गया था।

उसे तुम यह बता दो कि हर जीव में वह खुद को देखेगा तो उसका द्वैत मिट जाएगा, दूसरे की उपलब्धि अपनी नजर आएगी। फिर उसे चुनाव लड़ने कि आवष्यकता हीं नहीं महसूस होगी। मैं चुनाव हार कर कहां मंुह दिखाउंगा कृष्ण कन्हैया। इसलिए सन्यास ले लूंगा। लेकिन मेरा सन्यास मजबूरी में लिया गया होगा। क्या यह कायरता नहीं होगी ? क्या यह अध्यात्म के मूल सिद्धान्त के विरूद्ध नहीं होगा? 

अध्यात्म की पुस्तकों में कहा गया है कि, सन्यास का भाव हृदय से उठना चाहिए। और सन्यास गृहस्थ आश्रम में रहकर भी फलीभूत हो सकता है। समस्याओं से भागकर जंगल चले जाना भगेड़ूपन है। मेरी लाज अब तेरे हाथ में है गिरिधर। और तेरी लाज मेरे हाथों में, क्योंकि अगर यह चुनाव मैं हार गया, तो तुम्हारे इस कथन पर कोई विष्वास नहीं करेगा, कि जो अपने आपको तुम्हें समर्पित कर देता है, उसके तुम सारे कष्ट दूर कर देते हो। 




~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~

~ ~ सदा बहार ~ ~ 


ईश्वर ने हमें जिस स्वरूप में बनाया है, उसी में संतुष्ट रहकर अपने कर्मो पर ध्यान देना चाहिए



एक दिन कौए ने जंगल में मोरों की बहुत सी पूंछें बिखरी पड़ी देखीं। वह अत्यंत प्रसन्न होकर कहने लगा- वाह भगवान! बड़ी कृपा की आपने, जो मेरी पुकार सुन ली। मैं अभी इन पूंछों से अच्छा खासा मोर बन जाता हूं। इसके बाद कौए ने मोरों की पूंछें अपनी पूंछ के आसपास लगा ली। फिर वह नया रूप देखकर बोला- अब तो मैं मोरों से भी सुंदर हो गया हूं। अब उन्हीं के पास चलकर उनके साथ आनंद मनाता हूं। वह बड़े अभिमान से मोरों के सामने पहुंचा। उसे देखते ही मोरों ने ठहाका लगाया। एक मोर ने कहा- जरा देखो इस दुष्ट कौए को। यह हमारी फेंकी हुई पूंछें लगाकर मोर बनने चला है। लगाओ बदमाश को चोंचों व पंजों से कस-कसकर ठोकरें। यह सुनते ही सभी मोर कौए पर टूट पड़े और मार-मारकर उसे अधमरा कर दिया। कौआ भागा-भागा अन्य कौए के पास जाकर मोरों की शिकायत करने लगा तो एक बुजुर्ग कौआ बोला- सुनते हो इस अधम की बातें! यह हमारा उपहास करता था और मोर बनने के लिए बावला रहता था। इसे इतना भी ज्ञान नहीं कि जो प्राणी अपनी जाति से संतुष्ट नहीं रहता, वह हर जगह अपमान पाता है। आज यह मोरों से पिटने के बाद हमसे मिलने आया है। लगाओ इस धोखेबाज को कसकर मार। इतना सुनते ही सभी कौओं ने मिलकर उसकी अच्छी मरम्मत की। कथा का सार यह है कि ईश्वर ने हमें जिस स्वरूप में बनाया है, उसी में संतुष्ट रहकर अपने कर्मो पर ध्यान देना चाहिए। 

~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

हरियाली अमावस्या / Hariyali Amavasya




हरियाली अमावस्या या हरियाली Amavas मानसून श्रावण माह में अमावस्या या नहीं चंद्रमा पर उत्तर भारत में मनाया जाता है. 2012 में, हरियाली अमावस्या तिथि 19 जुलाई है. भगवान शिव की पूजा की जाती है इस दिन पर धन और समृद्धि के लिए और सबसे अच्छा कृषि मौसम के लिए. विशाल मेलों और मेले हैं हरियाली Amavasi में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के दौरान आयोजित की जाती हैं. राजसमंद और उदयपुर में हरियाली मेला दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित. हरियाली अमावस्या मधुरा द्वारिकाधीश मंदिर, वृंदावन में बांके Bihariji मंदिर, और कई अन्य मंदिरों में भगवान कृष्ण और भगवान शिव की अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में इस दिन फूल बंगाल उत्सव खत्म. हरियाली Amavasi Ashada अमावस्या में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ मेल खाती है. यह आंध्र प्रदेश में Chukkala अमावस्या, कर्नाटक, महाराष्ट्र में Gatari अमावस्या के में Bheemana अमावस्या के रूप में मनाया जाता है.

~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

Hariyali Amavasya or Haryali Amavas is the monsoon festival celebrated on Amavasya or No Moon in Shravan month in North India. In 2012, Hariyali Amavasya date is July 19. Lord Shiva is worshipped on this day for wealth and prosperity and for best agricultural season. Huge fairs and melas are held during Hariyali Amavasi in Rajasthan, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, and Himachal Pradesh. Hariyali Mela in Rajsamand and Udaipur attract thousands of tourists from all around the globe. Hariyali Amavasya is celebrated with utmost fervor in Madhura Dwarkadhish Temple, Banke Bihariji Temple in Vrindavan, and many other temples of Lord Krishna and Lord Shiva. This day culminates the Phool Bangal Utsav in Vrindavan Banke Bihari Temple. Hariyali Amavasi corresponds with Ashada Amavasya in Gujarat, Maharashtra, Karnataka, and Andhra Pradesh. It is celebrated as Chukkala Amavasya in Andhra Pradesh, Bheemana Amavasya in Karnataka, Gatari Amavasya in Maharashtra.

~ ~ Jai Shri Radhe Krishna ~ ~ 

~ ~ Sadah Bahar ~ ~ 

Do You know About The Things Which Live After Death?


Heart - 0 Min,

Eye - 31 Min,

Brain - 10 Min,

Legs - 4 Hours,

Skin - 5 Days,

Ear - 10 Min,

Bones - 30 Days,

Relationship & Friendship Forever !



HARE KRISHNA 

HARE KRISHNA 

KRISHNA KRISHNA 

HARE HARE 

HARE RAAMA 

HARE RAAMA 

RAAMA RAAMA 

HARE HARE !!


~ ~ Jai Shri Radhe Krishna ~ ~ 


~ ~ Sadah Bahar ~ ~ 

प्रभु जी



प्रभु मेरे मन को बना दो अमृतंगमय,

तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

अब तो मनो कामना है यह मेरी,

जिधर देखूं नज़र आए तेरे ज्योतिर्गमय चहरा॥

कहीं और क्यूँ जाऊं ढूँढने तुझ को ,

प्रभु मन के भीतर ही मैं तुझ को पाऊं ।

यह मन का अमृतंगमय हो सब से निराला,

जिधर देखूं नज़र आए तेरे ज्योतिर्गमय चहरा॥

असत्य से सत्य की ओर मुझे ले चलो, 

अंधकार से ज्योति की ओर मुझे ले चलो,

मृत्यु से अमृत की ओर मुझे ले चलो प्रभु।’’

भक्ति पे है अपनी विशवास मुझ को,

बनाओ तुम चरणों का दास मुझ को ।

मैं तुझ से जुदा अब नहीं रहने वाली ,

जिधर देखूं नज़र आए तेरे ज्योतिर्गमय चहरा॥

तू दर्पण सा उजला मेरे मन को करदे,

तू अपना उजाला मेरे मन में भरदे ।

हैं चारो दिशाओं में तेरा उजाला,

जिधर देखूं नज़र आए तेरे ज्योतिर्गमय चहरा॥


~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 


~ ~ सदा बहार ~ ~ 

राधे और मोहन जी की.मुहब्बत





तेरी राहों में कबसे पलकें बिछाये बैठे हैं,

दिल के तूफ़ान में मुहब्बत की शमां जलाये बैठे हैं,

ओ मोहन किस मोड़ पे ला कर छोड़ा हैं तूने मुझे,

आज भी तेरी याद को सीने से लगाये बैठे हैं,


हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

हरे राम हरे राम राम हरे हरे ,




~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 


~ ~ सदा बहार ~ ~ 

GURU PURNIMA



Guru Brahma ,Guru Vishnu, Guru Devo Maheshwara, 
Guru Sakshat,Parabrahma,Tasmai Shri Gurave Namah, 
May Guru's Bless Always Shower On You Wish U Guru Purnima.

The Grace of God will be available in abundance on July 3rd, during the Full Moon of the Guru, known as Guru Purnima. Each Full Moon carries a special powerastrologically. But when the Full Moon is related to sheer Grace and Good Luck, as it is on July 3rd, we cannot help but speak of God. The realization that God is within you can be awakened and activated for the rest of your life on Guru Purnima. To "Be still and know that you are God" brings the power of peace and makes every aspect of your life effortless and sweet. Happy Guru Purnima.


गुरु ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेव महेश्वर: ।
गुरु साक्षात्परब्रह्म तस्मैश्री गुरुवे नम: ।।

अनुग्रह परमेश्वर के गुरु पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है के दौरान, जुलाई 3 बहुतायत में उपलब्ध हो जाएगा. प्रत्येक पूर्णिमा एक विशेष शक्ति ज्योतिष की दृष्टि से किया जाता है. लेकिन जब पूर्णिमा सरासर अनुग्रह और गुड लक से संबंधित है, क्योंकि यह जुलाई 3, हम मदद नहीं है लेकिन भगवान की बात कर सकते हैं. अहसास है कि भगवान तुम्हारे भीतर है और जागृत गुरु पूर्णिमा पर अपने जीवन के आराम के लिए सक्रिय किया जा सकता है. करने के लिए "अभी भी रहो और पता है कि तुम भगवान शांति की शक्ति लाता है और अपने जीवन के हर पहलू को सरल और मीठा बना देता है. गुरु पूर्णिमा खुश.

(1) 
Sir,


Wish U Very Happy Guru Pornima
We always respect u & we are trying to be like u.
From: Your students

(2) 
May guru’s blessings


Always shower on you
Wish you a very very
Happy Guru Purnima 2012

(3) 
Guru Brahma Gurur Vishnu


Guru Devo Maheshwaraha
Guru Saakshat Para Brahma
Tasmai Sree Gurave Namaha

(4) 
As you walk with the Guru,


you walk in the light of Existence,
away from the darkness of ignorance.
You leave behind all the problems of your life and
move towards the peak experiences of life.


Guru Purnima Marathi Greetings:

(1) 
Aai mazi Guru, Aai kalpataru.


Aai mazi Pritiche maaher,
Manglyache saar Sarvaana sukhada paave
Ashi aarogya sampada Kalyan whave sarvanche
Koni dukkhi asu naye
Guru Poornimechya Hardik Shubhechha


Happy Guru Purnima English Quotes:


(1) 
Guru is Aspiration, Guru is Inspiration!

(2) 
When it comes to teaching -
you are the BEST! Happy Guru Purnima!!

(3) 
Be devoted to Guru, 
on this holy day and always!


Sanskrit Slokas for Guru Purnima:

(1) 
Agnyaana Timiraandhasya


Gnyaana Anjana Shalaakayaa
Chakshuhu Unmeelitam Yenam
Tasmai Sri Gurave Namaha.

(2) 
Sarva Sruti Shiroratna


Viraajita Padambujaha
Vedaantaambuja Sooryo Yah
Tasmai Sri Gurave Namaha.

(3) 
Gnyaana Shakti Samaaroodah


Tatwa Maalaa Vibhooshitaha
Bhukti Mukti Pradaaneyna
Tasmai sri Gurave Namaha

~ ~ Jai Shri Krishna ~ ~ 

~ ~ Sadah Bahar ~ ~ 

Sayana Ekadasi



Sayana Ekadasi or Devashayana Ekadashi or Padma Ekadasi or Vishnu Sayani Ekadashi is one of the most significant ekadashi upvaas. Shayana Ekadashi falls during the Shukla Paksha in the Ashada Month. Shayana Ekadasi is also referred as Maha Ekadashi in ‘Vajrotsava Chandrika’ and ‘Harivasara Ekadashi‘ in some other scriptures.This Ekadashi is also observed as Bhooripaksha Ekadasi.



After the day of Sayana Ekadasi vrata, Lord Vishnu goes to Yoganidra (meditation). Hence, all Gods worship him on the night of Dasami. So Sayana Ekadasi is also called as Vishnu Sayani Ekadasi or Padma Ekadashi. Lord Vishnu sleeps on Aadiseshu (divine serpent) as it also referred as Sesha Shayana Ekadashi. It is also popular as Ashadi Ekadasi. Sayana Ekadasi is also celebrated as Tholi Ekadashi or Toli Ekadashi in Andhra Pradesh. Tholi Ekadashi means the first Ekadashi in Telugu. Sayani Ekadasi is also called as Prathama Ekadashi or Pratham Ekadasi.

The importance and greatness of Devasayani Ekadasi is explained in Bhavishya-uttara Purana. When Yudhistira asked about the Shayana Ekadasi fasting and observance, Lord Sri Krishna explained the glory of Shayana Ekadashi vrata which was told earlier by Lord Brahma to Sage Narada. The most auspicious Chaturmasa Vrata starts on this Ekadasi day. In Maharashtra, Ashadi Ekadashi is also observed as closing ceremony day of Pandharpur Yatra.

Jai Shri Krishna !! 

Sadah Bahar

Ashadi एकादसी, भी Ashadhi एकादशी के रूप में वर्तनी, सबसे महत्वपूर्ण एकादसी vrata पहले एकादशी के रूप में मनाया
इस विशाल "यात्रा" या पंढरपुर के भगवान विठोबा, दक्षिण महाराष्ट्र में एक शहर है, भीमा नदी, कृष्णा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित तीर्थ का दिन है.
Ashadhi एकादशी एक धार्मिक जुलूस त्योहार की अधिक है और जून जुलाई (Aashaadh शुक्ल पक्ष) के महीनों के दौरान मनाया. लोग दो 11 दिन, हर महीने की एकादशी ", के लिए विशेष महत्व का हो पर विचार करें. लेकिन Ashadh (उज्ज्वल) के ग्यारहवें दिन महान एकादशी या Mahaekadashi के रूप में जाना जाता है. यह Mahaekadashi भी Shayani एकादशी के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस दिन विष्णु सो जाता है चार महीने बाद कार्तिक माह में Prabodhini एकादशी पर जगा. इस अवधि Chaturmas के रूप में जाना जाता है और बरसात के मौसम के साथ मेल खाता है.

Ashadhi एकादशी व्रत का दिन है और इस दिन पर लोगों को विशाल जुलूस में चलने जाने के संत तुकाराम और सेंट Dnyaneshwar Abhangas (भजन जप) गायन करने के लिए अपने भगवान विट्ठल पंढरपुर. यात्रा Allandi में शुरू होता है और पंढरपुर में गुरु पूर्णिमा के दिन पर समाप्त होता है.
 



~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

राधा का अर्थ है मोक्ष की प्राप्ति



एक बार 'राधा' नाम का उच्चारण से मोक्ष की प्राप्ति होती है 
'रा' का अर्थ है मोक्ष 'धा' का अर्थ है प्राप्ति
कृष्ण जब वृन्दावन से मथुरा गए,तब से उनके जीवन में एक पल का भी विश्राम नहीं था
उन्होंने प्रजा की रक्षा की,राजाओं को लूटे हुए राज्य वापस दिला दिए
और सोलह हज़ार स्त्रियों को गरिमा प्रदान की
श्री कृष्ण ने किसी चमत्कार से लड़ाइयाँ नहीं जीती ,बल्कि बुध्धि योग और ज्ञान के आधार पर जीवन को सार्थक किया|
मनुष्य का जनम लेकर मानवता की रक्षा की, अधिकारों की रक्षा की , वे जीवन भर चलते रहे,कभी स्थिर नहीं रहे, जहाँ उनकी पुकार हुई वे सहायता में जुटे रहते
उधर जब कृष्ण वृन्दावन से गए गोपियाँ और राधा तो मानो अपना अस्तित्व हे खो चुकी थी
राधा ने कृष्ण के वियोग में सुधबुध ही खो दी
मानो प्राण न हो केवल काया ही रह गयी हो
राधा कृष्ण का प्रेम ऐसा अलोकिक था उसकी साक्षी थी यमुना जी की लहरें ,वृन्दावन की कुञ्ज गलियाँ ,कदम्ब के पेड़ , वोह बेला जब श्याम गायें चरा के वापस आते थे वोह मुरली के स्वर जो सदा हवाओं में विद्यमान रहती थी
राधा वनों में भटकती कृष्ण कृष्ण पुकारती अपने प्रेम को अमर बनती, उसकी पुकार सुन कर भी, कृष्ण ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा
किन्तु कृष्ण के हृदय का स्पंदन किसी ने नहीं सुना ,स्वयं उनको भी इतना समय नहीं मिला की वोह अपने दिल की बात सुन ले
जब अपने ही कुटुंब से व्यथित होकर वे प्रभास क्षेत्र में लेट कर चिंतन कर रहे थे तब 'जरा' के छोड़े हुए तीर की चुभन महसूस हुयी
तब भी उन्होंने देह त्यागते हुए 'राधा' नाम का उच्चारण किया
जिसे 'जरा' और 'उद्धव' को सुना जो उसी समय वहां आ गए
'उद्धव' की आँख से आंसू बहने लगे
सभी लोगों को कृष्ण का सन्देश देने के बाद जब वे 'राधा रानी' के पास पहुंचे , तो केवल इतना कह सके की राधा
"'कान्हा तो संसार के के थे,लेकिन कृष्ण तो केवल राधा के हृदय में है'"
राधा कृष्ण की जोड़ी आज इस संसार में अमर है आज भी उनके प्रेम की मिसाले दी जाती है
राधा की भक्ति करने से कृष्ण अपने आप भक्तों के पास खुद चले आते है, उनके दुःख दूर करने
मुझे खुद नहीं पता लगा इस नोट को लिखते हुए मेरे आंसू कब निकले
सच मानियेगा जब में लिख रहा था तब ऐसा लगा जैसे राधा माधव मेरे साथ है
मुझे देख रहे है ,मेरे साथ अपने होने एहसास दे रहे है
एक अलग सा एहसास बहुत अच्छा जो शायद हे में कभी देखा



~ ~ जय श्री राधे ~ ~ 



~ ~ सदा बहार ~ ~