दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
Glitter Text Generator at TextSpace.net
free counters

Tuesday, May 15, 2012

श्यामा के यादों के अश्क

श्यामा तेरी यादों में जो अश्क बहते है ,

ये मेरे अंग का अनमोल रत्न है ,

इसे में अपने आँखों में समाये रखना चाहूंगी ज़िन्दगी 

भर ,अश्क बहार आये अगर तेरी यादों में मोती बनकर ,

उस अश्क को में कभी बहने न दूंगी ,

ये मेरा वादा है !! 

दोस्तों इस अनमोल रत्न को अगर कोई संभाल कर  

रखे तो उसके ज़िन्दगी में कभी कोई दुःख नाम का चीज़ 

नहीं रहेगा  !!


~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~ 


सबका मालिख एक है

हिन्दू बोले हे भगवान् हरे कृष्ण हरे राम 

मुस्लिम बोले अल्लाह - हु - अकबर 

सिख बोले वाहे गुरु 

इसाई बोले ओह माई गौश 

पर दोस्तों अपने अपने भाषाओं में सुबह शाम भगवान्  

को याद करते रहो ,यही हमे राह दिखाएँगे , सत्य पथ 

पर चलने की , सही विचार करने की , सुख  शान्ति 

और समृद्धि प्राप्त होगा , हम कहते है की भगवान्  

दीखते नहीं , पर आँखें बंद करके उनका नाम लेने पर  

भगवान् खुद बा खुद प्रकट होते है  , और हम सबके 

मन मंदिर में तो वही बसे है एक आत्मा के रूप में , 

इन्ही भगवान् के कारण हमारा शारीर जिंदा है  \

सबका मालिख एक है 

~ ~ जय श्री कृष्ण  ~ ~ 

~ ~ सदा बहार ~ ~