दो अश्क से बनी समंदर , समंदर से बनी सदा बहार ।
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Tuesday, January 29, 2013

दरस दिलई देश्याम




श्याम मनवा मोरे एक बार दरस दिलई दे , 

इक पल चैन न पाए तुम बिन,

तोरी प्रीत की डोरी संग बंध,

जान ना पाए ये कैसा बंधन, 

चरणों में मुझे ले लो मेरे सँवारे, 

अब ना भटका जाए,

आ जा रे मोरे श्याम आ जा रे मोरे श्याम,

दरस दिलई दे | 


 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 


~ ~ जय श्री राधे कृष्णा ~ ~ 


~ ~ सदा बहार ~ ~ 

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