हरी नाम निर्मल भाया , जैसे गंगा नीर !
पाछे पाछे हरी फिरे , कहत कृष्ण कृष्ण.!
हरी नाम कहते रह हर सुबह शाम !
मेरा मन ऐसा पवित्र हो गया है !
जैसे एक बूंद गंगा जल !
और हरि स्वयं मेरे पीछे फिरते रहे !
कहते हुए हरे कृष्ण हरे राम !
हरी नाम निर्मल भाया हर सुबह शाम !
यह तो सच है कि भगवान है !
है मगर फिर भी अंजान है !
उस परम शक्ति से करते हैं हम !
हरी नाम की प्रार्थना,
उनकी छ्या रहे सभी के माथे पे !
एक पल रह सके ना हम हरीके बिना !
हरी नाम निर्मल भाया , जैसे गंगा नीर !
पाछे पाछे हरी फिरे ,कहते हुए हरे कृष्ण हरे राम !
जय श्री कृष्णा
सदा बहार
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